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बजट हाथी के दिखाने वाले दांत जैसा, भाजपा सरकार बजट को खर्च कर नहीं पा रही, सिर्फ दिखावे के लिए बड़ा किया जा रहा : आराधना मिश्रा मोना

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विधानमंडल दल कांग्रेस श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश सरकार के बजट पर हमला बोलते हुए इसे हाथी के दिखाने वाले दांत करार दिया। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार सिर्फ दिखावे के लिए बजट का आकार बढ़ा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि पिछली बार भी सरकार अपने बजट का पूरा उपयोग नहीं कर पाई थी।

उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में बड़ा बजट पेश किया गया था, लेकिन वर्ष के अंतिम महीने तक मात्र 55% ही खर्च किया गया। चिकित्सा विभाग 54%, ऊर्जा विभाग 60%, कृषि विभाग 50% और शिक्षा विभाग मात्र 60% बजट ही खर्च कर पाया। सरकार जब अपने बजट को खर्च ही नहीं कर पा रही तो फिर बजट बढ़ाने का दिखावा क्यों किया जा रहा है?

आरबीआई के आंकड़ों के हवाले से उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश अब देश का दूसरा सबसे बड़ा कर्जदार प्रदेश बन चुका है। प्रदेश पर 7.70 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है और इस बजट में भी 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बनाई गई है। 2017 में प्रति व्यक्ति कर्ज जहां 18,000 रुपये था, वह अब बढ़कर 34,000 रुपये हो गया है।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर में 57%, राज्य उत्पाद शुल्क में 30% और विद्युत कर शुल्क में 16% की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा और महंगाई और बढ़ेगी, लेकिन आम आदमी के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति खराब है, अस्पतालों में दवाएं नहीं मिल रही हैं, उपकरणों की कमी है, और सरकार मात्र 6% बजट देकर इसे चलाना चाहती है।

कृषि क्षेत्र में भी सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश के कृषि बजट का औसत काफी कम है। एमएसपी नहीं बढ़ाई जा रही, जबकि उर्वरकों और कृषि उपकरणों पर टैक्स लगातार बढ़ रहा है। डीएपी खाद जो पहले 800 रुपये में मिलती थी, अब 1350 रुपये हो गई है। ट्रैक्टर और कार पर बराबर टैक्स लगाकर किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

शिक्षा विभाग में केवल 13% बजट दिया गया है, जबकि अन्य राज्यों में यह 15% से अधिक रहता है। प्रदेश में 1.5 लाख शिक्षकों की कमी है, लेकिन नई भर्तियां नहीं की जा रही हैं। ग्रामीण स्कूलों में बुनियादी संसाधनों का अभाव है, जिसे खुद मुख्यमंत्री भी स्वीकार कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त प्रदेश का दावा करने वाली सरकार की स्थिति यह है कि खुद उनके कैबिनेट मंत्री अपनी जान को खतरा बताने लगे हैं और एसटीएफ व पुलिस से डरने की बात कर रहे हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है, निवेश के एमओयू भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं, और सरकार सिर्फ बड़े-बड़े दावे कर रही है।

उन्होंने मांग की कि अगर सरकार बड़े बजट का ढिंढोरा पीट रही है तो सदन में श्वेत पत्र जारी करे ताकि प्रदेश की जनता को सच्चाई पता चल सके। भाजपा सरकार को अपनी नीतियों और कार्यशैली में सुधार करना चाहिए, वरना यह बजट सिर्फ कर्ज बढ़ाने और जनता को गुमराह करने का माध्यम बनकर रह जाएगा।

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