लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर कहा है कि आज समय आ गया है जब संविधान को उसके असल भाव में लागू करने के लिए ‘सामाजिक न्याय के राज’ की स्थापना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने संविधान रचते समय शोषितों, दलितों, वंचितों और हर निर्बल वर्ग के अधिकारों की रक्षा का सपना देखा था और हमें अब उसी दिशा में निर्णायक कदम उठाने होंगे।अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि सामाजिक न्याय के राज का मतलब सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि संविधान की मूल भावना — बराबरी, समता और समानता — की हकीकत में स्थापना है। उन्होंने कहा कि जब तक संविधान के उस भाव को पूरी तरह लागू नहीं किया जाता, तब तक मौलिक अधिकारों की रक्षा अधूरी है और सरकार की मनमानी पर अंकुश लगाना संभव नहीं। “देश संविधान से चले, मन-विधान से नहीं,” उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा।पूर्व मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय को लेकर एक व्यापक दृष्टिकोण साझा किया और कहा कि इसके लिए शिक्षा और आर्थिक सुधार को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) समाज को शिक्षित और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर बल दिया ताकि उनके साथ कोई भी शोषण या उत्पीड़न न कर सके। “जब अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति आत्मनिर्भर बनेगा और न्याय के साथ-साथ सामाजिक न्याय का भरोसा महसूस करेगा, तभी वह देश के निर्माण में पूरे आत्मबल से भागीदार बन सकेगा। यही सच्ची देशभक्ति होगी,” अखिलेश यादव ने कहा।उन्होंने पीडीए समाज से आह्वान किया कि वे संविधान को सम्मान दें, एकजुट हों और लोकतांत्रिक ढंग से सत्ता पर सामाजिक न्याय के लिए दबाव बनाएं। उन्होंने कहा कि यदि उत्पीड़न करने वालों को लगेगा कि 90 प्रतिशत पीडीए समाज संगठित होकर उनका विरोध कर सकता है, तो वे अत्याचार करने से पहले सौ बार सोचेंगे।भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए यादव ने कहा कि वर्तमान समय में वर्चस्ववादी ताकतें समाज को और अधिक असमानता, अपमान और अन्याय की ओर धकेल रही हैं। उन्होंने कहा कि अब सिर्फ़ विरोध नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा के अनुरूप काम करते हुए सामाजिक न्याय की सशक्त स्थापना ही इस अंधकार को समाप्त कर सकती है।अखिलेश यादव ने कहा कि आज का युग ‘सामाजिक न्याय के राज’ की स्थापना का युग है और यही रास्ता पीडीए समाज को आत्मसम्मान, स्वाभिमान और गरिमा के साथ आगे ले जा सकता है। “हमें अब किसी और का इंतज़ार नहीं करना है। हमें अपना भविष्य खुद बनाना है। यही बाबासाहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी,” उन्होंने कहा।अखिलेश यादव का यह संबोधन सामाजिक न्याय की अवधारणा को एक नया आयाम देता है और संविधान की रक्षा के लिए समाज को संगठित होने का आह्वान करता है। समाजवादी पार्टी ने इस अवसर पर बाबा साहब के सपनों के भारत को साकार करने के लिए ‘स्वाभिमान-स्वमान अभियान’ को और तेज़ करने का संकल्प लिया।
‘सामाजिक न्याय का राज ही पीडीए समाज के सुनहरे भविष्य की गारंटी है’ – अखिलेश यादव
RELATED ARTICLES