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उत्तर प्रदेश रेरा द्वारा रियल एस्टेट अभिकर्ताओं के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम शुरू

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता, जवाबदेही और पेशेवर कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उ.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने रियल एस्टेट अभिकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम अनिवार्य कर दिया है। महेन्द्र कुमार ने बताया  इस कार्यक्रम के अंतर्गत अभिकर्ताओं को रेरा अधिनियम और नियमावली की गहराई से जानकारी दी जाएगी, जिससे उनका कार्य ज्यादा व्यवस्थित, उत्तरदायी और नियमबद्ध हो सके।रेरा अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है ताकि एजेंटों को रियल एस्टेट सेक्टर की विनियामक संरचना, प्रावधानों, दिशा-निर्देशों और उपभोक्ता अधिकारों की स्पष्ट जानकारी हो। इससे न केवल ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि प्राधिकरण की पारदर्शिता और निष्पक्षता की नीति को भी बल मिलेगा।इस प्रशिक्षण के बाद होने वाले मूल्यांकन में सफल अभिकर्ताओं को प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जो उ.प्र. रेरा में पंजीकरण हेतु आवश्यक होगा। जो अभिकर्ता पहले से पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी या कंपनी के रूप में पंजीकृत हैं, उनके डायरेक्टर्स, पार्टनर और सीईओ जैसे पदों पर आसीन सभी व्यक्तियों के लिए यह प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है।रेरा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि अब पंजीकृत रियल एस्टेट एजेंटों की जिम्मेदारी होगी कि उनकी टीम में जो भी सदस्य यूनिट या प्लॉट की बिक्री, विज्ञापन, वित्तीय लेन-देन या मार्केटिंग में शामिल हों, उन सभी को प्रशिक्षित किया जाए।इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए प्रति प्रशिक्षणार्थी ₹6,000 शुल्क निर्धारित किया गया है, जिसे रेरा पोर्टल पर ऑनलाइन भुगतान कर रजिस्ट्रेशन के साथ जमा करना होगा। जिन अभिकर्ताओं ने पूर्व में ₹5,000 का भुगतान किया है, उन्हें शेष ₹1,000 का भुगतान अपने लॉगिन डैशबोर्ड के माध्यम से करना होगा।यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लखनऊ स्थित इंडिया लिटरेसी बोर्ड परिसर में आयोजित किया जाएगा। एक बार किसी प्रशिक्षण बैच में नामित होकर अनुपस्थित रहने पर अभिकर्ता का शुल्क जब्त हो जाएगा और पुनः ₹6,000 देकर ही अगला प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकेगा। वहीं, मूल्यांकन में असफल होने पर अभिकर्ता ₹3,000 का पुनः शुल्क देकर अगले बैच में भाग ले सकेंगे।प्रशिक्षण प्राप्त अभिकर्ताओं को जो प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, वह उस संस्था के प्रतिनिधि के रूप में दिया जाएगा, लेकिन यह प्रमाणपत्र एजेंट के व्यक्तिगत पात्रता का साक्ष्य होगा और वह किसी अन्य संस्था में भी कार्यरत होते हुए इसका प्रयोग कर सकेंगे, या स्वयं के नाम से अलग से रेरा पंजीकरण भी प्राप्त कर सकेंगे।रेरा की इस पहल से उत्तर प्रदेश का रियल एस्टेट सेक्टर अधिक संगठित, जवाबदेह और उपभोक्ता हितैषी दिशा में आगे बढ़ेगा।

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