ऑल इण्डिया फोरम अगेन्स्ट प्राइवेटाईजेशन के तत्वावधान में उप्र में किये जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में आयोजित ऑनलाइन बैठक में रेलवे, रक्षा, डाक विभाग, शिक्षा और अन्य केन्द्रीय महासंघों ने उप्र के बिजली कर्मचारियों को खुला समर्थन दिया। ऑल इण्डिया फोरम अगेन्स्ट प्राइवेटाईजेशन द्वारा कल रात की गयी ऑनलाइन मीटिंग में बिजली के निजीकरण के सम्बन्ध में चल रही गतिविधियों और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के चल रहे आन्दोलन का विस्तृत विवरण संघर्ष समिति के संयोजक और ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने रखा। ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज के जनरल सेक्रेटरी मोहन शर्मा ने प्रिपेड मीटर के नाम पर बड़े पैमाने पर चल रहे निजीकरण की बात रखी। ऑनलाइन मीटिंग में ऑल इण्डिया डिफेंस इम्प्लॉइज फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी सी. श्रीकुमार, ऑल इण्डिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव इन्दर सिंह बडाना, ऑल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ एसोशियेशन के वॉइस प्रेसीडेंट जे एन शाह, श्रमिक मुक्तिदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सम्पत देसाई, नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन के अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु और सर्वजन हिताय संरक्षण समिति की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने निजीकरण के विरोध में संघर्षरत उप्र के बिजली कर्मियों को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया।ऑल इण्डिया फोरम अगेन्स्ट प्राइवेटाईजेशन के संयोजक डा. ए मैथ्यू ने कहा कि उप्र के बिजली कर्मियों के समर्थन के लिए राष्ट्रीय स्तर के सभी ट्रेड यूनियन महासंघों की अगली बैठक में विस्तृत रूप-रेखा तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी महासंघ इस बात पर सहमत हैं कि यदि उप्र के बिजली कर्मचारियों का कोई भी दमन किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आन्दोलन किया जायेगा।
केन्द्रीय महासंघों ने उप्र के बिजली कर्मचारियों को समर्थन देने का किया ऐलान
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