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चित्रकूट और महोबा में विश्वस्तरीय रोप-वे बनेंगे, धार्मिक पर्यटन को मिलेगी नई गति

महर्षि वाल्मीकि आश्रम और सिद्ध बाबा मंदिर तक आसान होगी श्रद्धालुओं की पहुंच

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो महत्वपूर्ण स्थलों — चित्रकूट स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम और महोबा के गोरख गिरी पर्वत स्थित सिद्ध बाबा मंदिर — में विश्वस्तरीय रोप-वे प्रणाली विकसित करने जा रही है। पर्यटन विभाग द्वारा इन स्थलों पर आधुनिक तकनीक से युक्त, अत्यंत सुरक्षित और हर मौसम में सुचारू रूप से संचालित होने वाले रोप-वे बनाए जाएंगे। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य श्रद्धालुओं की यात्रा को अधिक सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार आधुनिक ढांचे और सांस्कृतिक विरासत को एक साथ जोड़कर आध्यात्मिक पर्यटन को नई दिशा दे रही है।चित्रकूट-प्रयागराज राजमार्ग पर ग्राम बगरेही में स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम से जुड़ी रोप-वे परियोजना के लिए लगभग 8,920 वर्ग मीटर भूमि चिन्हित की गई है। यह स्थल रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि से जुड़ा होने के कारण श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। फिलहाल श्रद्धालु राष्ट्रीय राजमार्ग-35 के जरिए पहाड़ी के आधार तक पहुंच पाते हैं, लेकिन रोप-वे के निर्माण से सीधी और सुगम चढ़ाई संभव होगी।इसी प्रकार, महोबा जिले के गांव रहेलिया स्थित गोरख गिरी पर्वत पर प्रस्तावित रोप-वे सिद्ध बाबा मंदिर तक श्रद्धालुओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करेगा। यह पवित्र स्थल नाथ संप्रदाय के महायोगी गुरु गोरक्षनाथ से जुड़ा है और महोबा शहर से केवल दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस परियोजना के लिए लगभग 9,750 वर्ग मीटर भूमि चयनित की गई है।पर्यटन विभाग ने दोनों रोप-वे के निर्माण के लिए उपयुक्त मार्गों की पहचान की है, जिनमें भौगोलिक परिस्थितियों, मौसम, भूकंपीय संवेदनशीलता और यात्रा के मौसमी पैटर्न को ध्यान में रखते हुए डिजाइन तैयार किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक और उच्च सुरक्षा मानकों के साथ यह रोप-वे प्रणाली हर मौसम में चालू रहने योग्य होगी।मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “चित्रकूट और महोबा केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना के केंद्र हैं। रोप-वे परियोजनाएं केवल यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और सुविधा का संगम हैं। हमारा प्रयास है कि श्रद्धालुओं को न केवल सुरक्षित यात्रा मिले, बल्कि उनकी आध्यात्मिक अनुभूति भी और अधिक समृद्ध हो।”सरकार का उद्देश्य है कि इन परियोजनाओं के माध्यम से धार्मिक स्थलों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ते हुए पर्यटन, स्थानीय विकास और रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके।

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