लखनऊ, लाइव सत्यकाम न्यूज। बिजली कंपनियों मे जहां 22 व 23 मार्च को साक्षात्कार संपन्न हुआ वही एक बार फिर दलित व पिछड़े वर्ग के संगठन उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से पुरजोर मांग उठाई है कि लंबे समय से लंबित बिजली निगमों में निर्देशकों के पदों पर आरक्षण की व्यवस्था तत्काल लागू कराई जाए आरक्षण की व्यवस्था लागू होने के बाद ही दलित व पिछड़े वर्ग के हक सुरक्षित हो पाएंगे वर्तमान में सभी बिजली कंपनियों में 36 से ज्यादा निदेषको के पद है केवल एक पद पर ही नियमित दलित अभियंता निदेशक है जो अपने आप में बहुत चिंतनीय बात है। वहीं पिछड़े वर्ग का एक भी निदेशक कार्यरत नहीं है।
सभी को पता है कि दलित हुआ पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को निर्देशकों के पद पर साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर तक नहीं भेजा गया था लंबे संघर्ष के बाद उन्हें साक्षात्कार का पत्र मिला ऐसे में उन्हें निर्देशकों के पद पर पारदर्शी तरीके से चयन होने के लिए आरक्षण लागू होना जरूरी है।
ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार वर्तमान में सभी बिजली कंपनियों में बिना पदोन्नतियों में आरक्षण लागू हुए 17 मुख्य अभियंता अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग से हैं और वही पिछड़े वर्ग के अभियंता भी लगभग 7 के करीब है।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपीकेन कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर नेकीराम महासचिव अनिल कुमार संगठन सचिव बिंदा प्रसाद हरिश्चंद्र वर्मा ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा लेसा अध्यक्ष प्रभाकर सिंह आनंद कनौजिया अजय कनौजिया दीपक कुमार विकासदीप आशीष कुमार ने कहा जब तक प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में निदेशकों के पद पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं लागू होगी तब तक दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो पाना बहुत मुश्किल का कार्य लग रहा है क्योंकि अभी तक का जो इतिहास दिख रहा है उससे प्रतिनिध तो पूरी तरीके से शून्य दिखता है लेकिन यदि आरक्षण की व्यवस्था लागू हो जाएगी तो निश्चित तौर पर प्रतिनिधित्व अनिवार्य रूप से दिखने लगेगा।
आज के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के संरक्षक श्री के बी राम भी उपस्थित थे।