Homeराज्यउत्तर प्रदेशदेवी प्रतिमा को महा स्नान कराकर भव्य पूजा आरती सम्पन्न

देवी प्रतिमा को महा स्नान कराकर भव्य पूजा आरती सम्पन्न

निराला नगर रामकृष्ण मठ में श्री श्री दुर्गोत्सव महोत्सव की धूम

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : पूजा सुबह 6ः15 बजे से रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन आश्रम, सिकरा, कुलिंगग्राम के ब्रह्मचारी हीमाद्री द्वारा शास्त्रीय परम्परा के अनुसार शहनाई की धुन के साथ शुरू हुई तथा वृंदावन से आए स्वामी प्रतिभानन्द ने श्रीदुर्गासप्तशती की आवृति (चंडी पाठ) का पाठ किया। इस पूजनोत्सव से जुडे समस्त कार्यक्रम हमारे आधिकारिक यूट्यूब चैनेल : ‘रामकृष्ण मठ, लखनऊ’ के माध्यम से प्रसारित भी किया जा रहा है।

औपचारिक पूजा छोटे दर्पण की प्रतिमा को देवी के रूप में कल्पना करते हुये महास्नान कराया गया। इस महास्नान की प्रक्रिया के विभिन्न स्रोतों से लाये गये लगभग 50 प्रकार के पवित्र पानी और मिट्टी का उपयोग किया गया। इस दौरान शास्त्रीय मंत्रों का उच्चारण किया गया। तदोपरान्त श्री देवी माँ, दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती, कार्तिक के साथ-साथ सिंह, चूहा, उल्लू, हंस, मोर आदि वाहन जैसे उनके परिवार के सदस्यों के साथ कुल 83 सदस्यों की शास्त्रों के अनुसार पूजा की गई।
कोलकाता से आये श्री असीम कुमार दत्त ने भक्तिगीतों की प्रस्तुति दी उस दौरान भातखंडे संगीत संस्थान, लखनऊ के श्री शुभम राज ने तबला पर संगत दिया।

पुष्पांजलि की ऑनलाइन व्यवस्था हमारे यूटयूब चैनल रामकृष्ण मठ लखनऊ के माध्यम से देश व विदेश के श्रद्धालुओ के लिये की गयी थी उस दौरान मठ में भारी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे जिन्होंने माँ को पुष्प एवं चंदन का लेप अर्पित किया उस दौरान मंत्रोच्चारण रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ, मायलापुर, चेन्नई के स्वामी सत्यविदानन्द ने किया। तत्पश्चात सभी उपस्थितों को फल प्रसाद का वितरण किया गया। सुबह से देवी को फल, मिष्ठानआदि

मुख्य मंदिर में श्री श्री रामकृष्णजी की आरती के बाद देवी दुर्गा की संध्या आरती की गई। इसके बाद भजन, स्तोत्रम एवं काली कीर्तन और भक्ति गीत गाया गया। पूजा के पश्चात देवों के मनोरंजन हेतु एवं दुर्गा पूजा के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बांसुरी वादन की प्रस्तुति लखनऊ के पंडित रविराज शंकर ने दी जो आकाशवाणी में बांसुरी वादन के एक ख्यातिप्राप्त बी-हाई ग्रेड कलाकार हैं। वे भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व व्याख्याता भी हैं।

उन्होंने शास्त्रीय संगीत एवं बांसुरी वादन की शिक्षा अपने पिता पं. गौरीशंकर के साथ श्री रघुनाथ सेठ, भोलानाथ प्रसन्ना एवं पं. रामाश्रय झा से प्राप्त की। उन्होंने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से बांसुरी में संगीत प्रभाकर की उपाधि भी प्राप्त की है। उनके वादन में लखनऊ घराने की सूक्ष्म विशेषताओं के साथ-साथ आलाप एवं रागदारी का गहन विकास, लयबद्ध विविधताएं एवं गायन शैली अभिव्यक्त होती है।

उन्होंने देश-विदेश में अनेक शिष्यों को बांसुरी वादन की शिक्षा प्रदान की है, तथा उस दौरान उनके साथ संगत उदित राज शंकर ने दिया जो एक पेशेवर बाँसुरी वादक हैं। आपने अपने दादा स्वर्गीय पं. गौरीशंकर जी और अपने पिता श्री रवि राज शंकर जी से गुरु-शिष्य परम्परा के अंतर्गत संगीत का ज्ञान प्राप्त किया। आपने राजभवन, विधानसभा, मुख्यमंत्री निवास आदि अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर बाँसुरी वादन प्रस्तुत किया है। वर्तमान में आप भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय में बाँसुरी शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

इस कार्यक्रम में तबला पर संगत लखनऊ के पंडित अरूण भट्ट ने दिया पं. अरुण भट्ट फर्रुखाबाद और लखनऊ घराने के एक अत्यंत परिश्रमी तबला वादक हैं जो एक सुप्रसिद्ध तबला परिवार, भट्ट तबला परिवार से हैं। वे एक प्रसिद्ध एकल कलाकार होने के साथ-साथ शास्त्रीय गायन, वाद्य-यंत्र और कथक नृत्य में भी संगतकार हैं। आपके शुलभ संदर्भ हेतु हम कलाकारों का बायोडाटा इस पत्र के साथ संलग्न कर रहे है।

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