लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के तत्वावधान में मेरठ में आयोजित “चिन्तन मंथन शिविर – संदर्भ निजीकरण” में अभियंताओं ने पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिए गए निजीकरण के विकल्प को एक स्वर में खारिज कर दिया और संकल्प लिया कि निजीकरण के विरोध में आन्दोलन और तेज किया जायेगा तथा निजीकरण के विरोध में संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता।
चिन्तन मंथन शिविर में मुख्य वक्ता आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल द्वारा पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के बाद दिए जाने वाले विकल्पों का विस्तार से विश्लेषण कर उसे खारिज कर दिया । उन्होंने विकल्प के तीनों बिन्दुओं निजी कंपनी की नौकरी ज्वॉइन कर लें, अन्य निगमों में वापस आ जाएं और स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले लें, का विश्लेषण करते हुए यह बताया कि तीनों ही विकल्प बिजली कर्मियों के भविष्य को बर्बाद कर देंगे अतः निजीकरण किसी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
पूर्व दिल्ली विद्युत बोर्ड के इ सत्यपाल और इ यशपाल शर्मा जो ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के संरक्षक और सेक्रेटरी (मुख्यालय) है, ने निजीकरण के बाद दिल्ली में बिजली कर्मियों और अभियंताओं की हो रही दुर्दशा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि निजीकरण बहुत ही भयावह है अतः पूरी शक्ति से संघर्ष की तैयारी करिये।
मेरठ में शिविर के दौरान ही यह जानकारी मिलने से कि, पश्चिमांचल के बड़े शहरों में अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी होने जा रहा है, अभियंताओं में गुस्सा फूट पड़ा। शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि यह पुख्ता जानकारी मिली है कि जिन जिन शहरों में वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है उन सभी शहरों के अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी का टेंडर भी पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के टेंडर के साथ ही जारी किया जाएगा।
उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने कहा कि चिन्तन मंथन शिविर का मुख्य उद्देश्य अभियंताओं को निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष के लिये प्रशिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे पांच शिविर डिस्कॉम स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभियन्ता संकल्प लेकर सामने आएं तो उप्र में पॉवर सेक्टर में निजी घरानों को रोकना कोई कठिन काम नहीं है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष किया जाएगा।
अभियन्ता संघ के उपाध्यक्ष कृष्णा सारस्वत, उपाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, संयुक्त सचिव आलोक श्रीवास्तव, संगठन सचिव जगदीश पटेल, सहायक सचिव निखिल कुमार, संघर्ष समिति पश्चिमांचल के संघर्ष समिति के संयोजक सी पी सिंह ने शिविर को संबोधित किया।
निजीकरण के विरोध में लगा चिन्तन मंथन शिविर
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