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निजी घराना इस कंसलटेंट कंपनी को बचा रहा है, जल्द ही होगा खुलासा:उपभोक्ता परिषद

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए उच्च अधिकारियों ने निदेशक वित्त व कमर्शियल को यह मौखिक निर्देश दिया है कि झूठा शपथ पत्र देने वाली कंसलटेंट कंपनी ग्रांट थ्रोनटन की पत्रावली ऊपर नीचे घुमाते रहो लेकिन पावर कारपोरेशन के नियमों के तहत अंतिम निर्णय के लिए पत्रावली ऊपर मत भेजो सबसे बड़ा चौंकाने वाला सवाल यह है की टेंडर निकालने वाली बिंग ने झूठा शपथ पत्र देने वाली कंसल्टेंट कंपनी के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर कार्यवाही के लिए पत्रावली ऊपर भेजा लेकिन पत्रावली को नए निदेशक वाणिज्य के स्तर पर डंप कराया गया है जो अपने आप में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का सबसे बड़ा मामला है उपभोक्ता परिषद के पास पुख्ता सबूत है कि देश का एक बड़ा निजी घराना इस कंसलटेंट कंपनी को बचा रहा है जल्द ही उसका खुलासा उपभोक्ता परिषद करेगी।
पावर कारपोरेशन के नियमों के तहत इस प्रकार के उल्लंघन के मामले में अध्यक्ष पावर कारपोरेशन को अंतिम निर्णय देना होता है 15 दिन बीतने को है लेकिन ग्रांट थ्रोनटन कंपनी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई आज इस संबंध में जब उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने टेंडर मूल्यांकन कमेटी के अध्यक्ष निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग से फिर बात की तो उनके द्वारा कहा गया की ग्रांड थॉर्नटन कंपनी से एक बार फिर सप्लीमेंट्री जवाब मांगा गया है पावर कारपोरेशन ने हद कर दी भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए किस हद तक जा सकते हैं इससे बड़ा उदाहरण कोई नहीं है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा पत्रावली कितना भी पावर कॉरपोरेशन ऊपर नीचे कर ले लेकिन इस भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाही करना ही पड़ेगा इसके लिए उपभोक्ता परिषद को चाहे जिस न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ेगा वह लगी लेकिन 42 जनपदों के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली कंसल्टेंट कंपनी जिसके द्वारा झूठा शपथ पत्र देकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है उसे उपभोक्ता परिषद लागू नहीं होने देगा।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा दुर्भाग्य की बात है कि उपभोक्ता परिषद ने कानून के दायरे में विद्युत नियामक आयोग के सामने भी पूरी बात रखी पावर कारपोरेशन प्रबंधन के पास पूरी बात रखी झूठा शपथ पत्र का मामला साबित हो गया लेकिन कार्यवाही केवल इसलिए नहीं की जा रही है क्योंकि उसके पीछे एक देश का बड़ा निजी घराना कम कर रहा है।

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