लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में पॉवर कारपोरेशन द्वारा जारी किये गये तानाशाहीपूर्ण असंवैधानिक आदेश की प्रतियां जलाईं गयी। संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाकर हड़ताल थोपने के हालात बनाने के आरोप में पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। निजीकरण के घोटाले को अंजाम देने के लिए पॉवर कारपोरेशन ने निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार तीन माह के लिए बढ़ाया है।

संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने हेतु इतने उतावले हो गये हैं कि उन्होंने संविधान के आर्टिकल 311(2) का उल्लंघन कर बिजली कर्मचारियों की बर्खास्तगी का अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक आदेश जारी कर मा. उच्च न्यायालय एवं मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसलों का भी अपमान किया है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से बौखलाये डॉ आशीष गोयल इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाकर हड़ताल थोपने में लगे हैं। दूसरी ओर बिजली कर्मी आन्दोलन करते हुए भी उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने दे रहे हैं और उनकी समस्यायें अटेण्ड की जा रही हैं। संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी से मांग की है कि वे डॉ आशीष गोयल की अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और तानाशाहीपूर्ण गतिविधियों को देखते हुए उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त करने की कृपा करें।
संघर्ष समिति ने कहा कि निदेशक वित्त, निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार 03 माह के लिए बढ़ाने से संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि हो गयी है कि पूर्वांचल विधुत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम के निजीकरण हेतु अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनाल्टी लगने के मामले में उसकी नियुक्ति रद्द करने के बजाये निधि नारंग ग्रान्ट थॉर्टन को क्लीन चिट देने वाले हैं।
संघर्ष समिति ने बताया कि चेयरमैन डॉ आशीष गोयल के कहने पर पॉवर कारपोरेशन के महाप्रबन्धक (आई.आर.) श्री प्रदीप कुमार और उत्पादन निगम के महाप्रबन्धक (एच. आर.) श्री ए के सेठ संघर्ष समिति के घटक संगठनों के पदाधिकारियों को फोन करके या अपने कमरे में बुलाकर धमकी दे रहे हैं कि वे अपने पद से इस्तीफा दें और संघर्ष समिति छोड़ दें अन्यथा उनपर कठोर अनुशासनात्मक और पुलिस कार्यवाही की जायेगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, शशिकान्त श्रीवास्तव, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम निवास त्यागी, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह ने आरोप लगाया कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबन्धन भय का वातावरण बनाकर और मुख्यमंत्री जी के सामने झूठे आकड़े रखकर निजीकरण करना चाहते हैं। संघर्ष समिति ने मांग की है कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा दिये जा रहे आकड़ों की सीबीआई जांच करायी जाये और महाप्रबन्धक श्री प्रदीप कुमार एवं महाप्रबन्धक श्री ए के सेठ द्वारा धमकी दिये जाने की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराकर इन्हें दण्डित किया जाये।
आज वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, कानपुर, आजमगढ़, बस्ती मिर्जापुर, एटा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, बरेली, अयोध्या, देवीपाटन, सुल्तानपुर, सीतापुर, ओबरा, अनपरा, पिपरी, हरदुआगंज, जवाहरपुर, पारीछा और पनकी में बिजली कर्मियों ने अपराह्न 02 बजे से सायं 05 बजे तक विरोध सभा की और इस दौरान पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा जारी किये गये बर्खास्तगी के अधिकार के असंवैधानिक आदेश की प्रतियां जलाईं गयी।