लखनऊ: बिजली के निजीकरण के विरोध में आगामी 23 फरवरी को नागपुर में बिजली कर्मचारियों,संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं का राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के बैनर तले हो रहा है। 22 फरवरी को नागपुर में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक होगी। नागपुर में होने वाले सम्मेलन में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज (एटक), इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीटू), इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन (इंटक), ऑल इंडिया पावर मेन्स फेडरेशन तथा कई प्रांतीय स्तर के बिजली कर्मियों के फेडरेशन के देश भर के पदाधिकारी बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे। विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के घटक श्रम संघों और सेवा संगठनों के कई शीर्ष पदाधिकारी नागपुर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं।चंडीगढ़ के निजीकरण के बाद नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने यह निर्णय लिया है कि उप्र में चल रही निजीकरण की प्रक्रिया का राष्ट्रीय स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाय और केन्द्र व राज्य सरकारों को यह स्पष्ट कर दिया जाय कि बिजली के निजीकरण के विरोध में किसी प्रान्त के बिजली कर्मी अकेले नहीं हैं, सारे देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण के विरोध में प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन अगले सप्ताह भी यथावत जारी रहेंगे। नागपुर सम्मेलन के बाद संघर्ष समिति आन्दोलन के अगले कदमों की घोषणा करेगी।
बिजली के निजीकरण के विरोध में 23 फरवरी को नागपुर में राष्ट्रीय सम्मेलन
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