Homeराज्यउत्तर प्रदेशबिजली महापंचायत में होगा व्यापक जन आन्दोलन का ऐलान:शैलेन्द्र दुबे

बिजली महापंचायत में होगा व्यापक जन आन्दोलन का ऐलान:शैलेन्द्र दुबे

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :पूर्वांचल विधुत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में 22 जून को लखनऊ में हो रही बिजली महापंचायत में देश की प्रमुख ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मंच के शीर्ष पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। निजीकरण के पीछे हो रहे मेगा भ्रष्टाचार पर चर्चा और निगरानी के लिए ट्रान्सपेरेंसी इंटरनेशनल इण्डिया के कार्यकारी निदेशक और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता भी महापंचायत में आ रहे हैं। महापंचायत में उपभोक्ता मंचों के प्रतिनिधि, किसान, मजदूर, शिक्षक, व्यवसायी, वकील, बुद्धिजीवी और आमजन बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे।
विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि ऑल इण्डिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्र, संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल, ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी रत्नाकर राव, ऑल इण्डिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आर के त्रिवेदी एवं महासचिव अभिमन्यु धनकड़, इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इण्डिया के जनरल सेक्रेटरी सुदीप दत्त, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लाम्बा, यूनाईटेड बैंक फोरम के वाई. के. अरोड़ा, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता वाई एस लोहित और उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा मुख्य रूप से महापंचायत को सम्बोधित करेंगे। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों, बैंक कर्मचारियों, राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों के प्रतिनिधि भी महापंचायत को सम्बोधित करेंगे।
विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, चंद्र भूषण उपाध्याय, विवेक सिंह, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, आर बी सिंह, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, रामचरण सिंह, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, देवेन्द्र पाण्डेय, के.एस. रावत, राम निवास त्यागी, प्रेम नाथ राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मो इलियास, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, विशम्भर सिंह ने बताया कि 22 जून को लखनऊ में हो रही बिजली महापंचायत इस दृष्टि से अपने आप में अनूठी है कि इसमें बिजली के सभी हित धारक किसान, मजदूर, गरीब और मध्यम वर्गीय घरेलू उपभोक्ता और बिजली कर्मी एक साथ मौजूद रहेंगे।
महापंचायत में बिजली के निजीकरण के विरोध में व्यापक जन आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया जायेगा। ध्यान रहे कि विगत 7 माह से बिजली कर्मी निजीकरण के विरोध में लगातार संघर्षरत हैं। बिजली महापंचायत यह निर्णय लेगी कि निजीकरण के विरोध में चलने वाले आन्दोलन किसानों, मजदूरों और आम उपभोक्ताओं की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाये। संघर्ष समिति ने बताया कि इस हेतु सभी के बीच व्यापक विचार विमर्श हो चुका है। इसी आधार पर जन आन्दोलन का मुख्य प्रस्ताव महापंचायत में पारित किया जायेगा।
निजीकरण के पहले जिस तरह पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बिजली की दरें बेतहाशा बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दिया है वह बिजली महापंचायत में चर्चा का एक बड़ा एजेण्डा होगा।
संघर्ष समिति ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बेहद गरीब 42 जनपदों की बिजली के निजीकरण के पीछे बहुत बड़ भ्रष्टाचार है। इस मेगा भ्रष्टाचार का खुलासा भी महापंचायत में किया जायेगा। जिस प्रकार विधुत नियामक आयोग ने पॉवर कारपोरेशन द्वारा भेजे गये निजीकरण के प्रस्ताव को वापस कर दिया है उससे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हो गयी है। महापंचायत में झूठे आंकड़ों और धमकी के बल पर निजीकरण कराने की प्रबन्धन की कार्यवाहियों की निन्दा की जायेगी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली महापंचायत में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा, ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेन्द्र भूषण, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल और प्रबन्धन निदेशक पंकज कुमार को बिजली महापंचायत का निमंत्रण विशेष तौर पर भेजा गया है। संघर्ष समिति ने कहा है कि सरकार और प्रबन्धन के यह सभी शीर्ष प्रतिनिधि बिजली महापंचायत में आकर किसानों, मजदूरों, आम उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों को निजीकरण से होने वाले फायदे बतायें और किसानों, मजदूरों, आम उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों की कठिनाईयां भी सुनें तो अच्छा रहेगा। संघर्ष समिति सम्मानपूर्वक इन सभी को आमंत्रित कर रही है।
बिजली महापंचायत मध्याह्न 12 बजे से डॉ भीमराव अम्बेडकर प्रेक्षागृह, डॉ लोहिया लॉ इंस्टीट्यूट, आशियाना में आयोजित होगी।

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