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लखनऊ की झीलों में शुरू हुआ सिल्ट सफाई अभियान, महापौर सुषमा खर्कवाल ने किया हवन-पूजन के साथ शुभारंभ

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : राजधानी के गोमतीनगर स्थित कठौता और भरवारा झीलों में शनिवार को सिल्ट सफाई कार्य का शुभारंभ महापौर सुषमा खर्कवाल ने विधिवत हवन-पूजन के साथ किया। गर्मियों में जल संकट की आशंका को देखते हुए यह अभियान जल संरक्षण के क्षेत्र में एक अहम पहल मानी जा रही है। झीलों की गहराई बढ़ाकर जल संचयन क्षमता को तीन गुना तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जिससे हजारों लोगों को जल आपूर्ति में राहत मिल सकेगी।इस अवसर पर महापौर के साथ पार्षद दल के उप नेता सुशील तिवारी ‘पम्मी’, पार्षद शैलेंद्र वर्मा, अरुण राय, संजय सिंह राठौर, अपर नगर आयुक्त ललित कुमार और पंकज श्रीवास्तव, जलकल विभाग के महाप्रबंधक कुलदीप सिंह, जोनल अधिकारी संजय यादव, चीफ इंजीनियर जलकल शमीम अख़्तर और एक्सईएन विकास शर्मा सहित नगर निगम और जलकल विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एक्सईएन सचिन यादव ने किया।महापौर सुषमा खर्कवाल के निर्देश पर झीलों की डी-शिल्टिंग का कार्य तीव्र गति से शुरू किया गया है। कठौता झील की लंबाई लगभग 1200 मीटर और चौड़ाई 600 मीटर है। यहां से करीब 5 लाख क्यूबिक मीटर सिल्ट हटाई जाएगी, जिससे झील की जल भंडारण क्षमता में व्यापक वृद्धि होगी। यह कार्य गोमतीनगर और इंदिरा नगर जैसे इलाकों में जल आपूर्ति को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।सफाई के लिए अत्याधुनिक ड्रेजिंग मशीनों, 15 पोकलैंड मशीनों और डंपर्स का उपयोग किया जा रहा है। महापौर ने सुपर सकर मशीन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सफाई के दौरान निकाली गई मिट्टी को बेकार फेंकने के बजाय नगर निगम व एलडीए की परियोजनाओं में दोबारा उपयोग में लाया जाएगा। अकबरनगर और मनोरथा गौशाला जैसे स्थलों पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे संसाधनों का समुचित और सतत उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।महापौर ने बताया कि 17-18 मई को शारदा नहर की सफाई के कारण जल आपूर्ति प्रभावित रहेगी। ऐसे में 25 अप्रैल से झीलों में पानी भरने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा, ताकि आवश्यकता के समय झीलों में संग्रहित जल का उपयोग किया जा सके। इस कार्य के लिए विभागों को समन्वय के साथ समयबद्ध ढंग से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।अपने संबोधन में महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि झीलों की सफाई न केवल जल संकट से निपटने का उपाय है, बल्कि यह पर्यावरण संतुलन और शहरी जीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की प्राथमिकता में जल संरक्षण और नागरिकों को सुचारु जल आपूर्ति सुनिश्चित करना सर्वोपरि है। राजधानी की झीलों को पुनर्जीवित करने की यह मुहिम भविष्य में लखनऊ को जल संकट से उबारने का एक सशक्त आधार बन सकती है।

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