लाइव सत्यकाम न्यूज, लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष श्री अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद कुमार व सदस्य श्री संजय कुमार सिंह से आयोग में मुलाकात कर एक अर्जेंट लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल करते हुए चलती हुई व्यवस्था मैं वर्टिकल व्यवस्था लागू करने का विरोध दर्ज कराते हुए कहा या व्यवस्था जिन भी बिजली कंपनियों में लागू हुई वहां फेल साबित हुई है और उपभोक्ता परेशान है ऐसे में सफल व्यवस्था को पावर कॉरपोरेशन क्यों बर्बाद कर रहा है विद्युत निगम द्वारा बिना उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) की अनुमति और बिना जन-सहमति के कई जनपदों — कानपुर, अलीगढ़, वाराणसी, मेरठ आदि — में तथाकथित “वर्टिकल सिस्टम” लागू किया गया है, जो पूरी तरह असफल है जिससे उपभोक्ताओं में भारी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है तथा विद्युत सेवाओं की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
वर्टिकल व्यवस्था में उपभोक्ता की पूरी समस्या का समाधान 1912 के माध्यम से पावर कॉरपोरेशन करने की बात कर रहा है जबकि 1912 पुर उत्तर प्रदेश में फेल साबित है केवल फर्जी निस्तारण वहां किया जाता है यह बात एक बार नहीं दर्जनों बार सिद्ध हो चुकी है उपभोक्ताओं का गुस्सा 1912 के खिलाफ है इसके बावजूद भी पावर कॉरपोरेशन चलती हुई व्यवस्था को चौपट करने पर आमादा है यह बात अनेकों शहरों में जनप्रतिनिधियों ने भी लिखित में अवगत कराया है
श्री वर्मा ने बताया कि परिषद ने इस विषय में पूर्व में भी आयोग का ध्यान आकर्षित किया था, परंतु अब जानकारी मिली है कि निगम द्वारा इसी प्रणाली को 15 नवम्बर से लखनऊ (लेसा क्षेत्र), नोएडा एवं अन्य नगरों में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है — वह भी बिना नियामक स्वीकृति के।
उन्होंने कहा कि लखनऊ का विद्युत आपूर्ति तंत्र अत्यंत संवेदनशील है क्योंकि यहां उच्च न्यायालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, राजभवन, तथा सचिवालय जैसे अति महत्वपूर्ण संस्थान स्थित हैं। ऐसी संवेदनशील व्यवस्था में बिना अनुमोदन के किसी नई प्रणाली का प्रयोग करना सेवा की विश्वसनीयता और जनसुविधा दोनों के लिए गंभीर खतरा है।
परिषद ने आयोग से मांग की है कि:
बिना आयोग की सहमत लिए बिना लागू किए जा रहे “वर्टिकल सिस्टम” को तत्काल रोका जाए।
विद्युत निगम से इस अनधिकृत कार्यवाही पर स्पष्टीकरण मांगा जाए।
जब तक नियामक प्रक्रिया एवं उपभोक्ता परामर्श पूर्ण न हो, तब तक इस प्रणाली को किसी नए क्षेत्र में लागू न किया जाए।
श्री वर्मा ने कहा कि जहां-जहां यह प्रणाली पूर्व में लागू की गई है, वह पूरी तरह विफल साबित हुई है और अब जनप्रतिनिधि भी इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में इसे राजधानी लखनऊ में लागू करना अनुचित और जनविरोधी कदम होगा।
परिषद को पूर्ण विश्वास है कि माननीय आयोग उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हेतु शीघ्र और उचित कार्यवाही करेगा।


