लाइव सत्यकाम न्यूज :देश के टोल बूथ को लेकर सरकार जल्द ही एक बड़ा बदलाव करने वाली है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि देश के राजमार्गों पर टोल भुगतान का तरीका बदलने जा रहा है। सरकार अगले 15 दिनों के भीतर एक नई टोल पॉलिसी पेश करने की तैयारी में है, जिसके मई से लागू होने की संभावना है। हालांकि, मंत्री ने इस नई नीति के बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन उन्होंने संकेत दिया है कि इसके लागू होने के बाद टोल को लेकर किसी को भी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। इस नई प्रणाली के आने से मौजूदा फास्टटैग सिस्टम भी पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
गडकरी ने स्पष्ट किया कि नई प्रणाली के तहत फिजिकल टोल बूथ की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, सैटेलाइट आधारित ट्रैकिंग और वाहनों की नंबर प्लेट की पहचान तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके माध्यम से टोल की राशि सीधे वाहन मालिकों के बैंक खातों से स्वचालित रूप से कट जाएगी।
क्या है नया त्रक्कस् आधारित टोलिंग सिस्टम?
देश में सड़कों के बढ़ते जाल के साथ टोल बूथों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। सरकार अब इन टोल बूथों को समाप्त कर त्रक्कस् आधारित टोलिंग प्रणाली को बढ़ावा देने जा रही है, जो वर्तमान स्न्रस्ञ्जड्डद्द सिस्टम की जगह लेगी। टोल बूथों के निर्माण से आधारभूत संरचना की लागत काफी बढ़ जाती है, जिससे टोल संग्रह की लागत में भी इजाफा होता है। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए सरकार यह नई टोलिंग प्रणाली लाने जा रही है।
इस नई प्रणाली में त्रक्कस् तकनीक की मदद से सीधे वाहन चालक या मालिक के बैंक खाते से टोल की राशि काटी जाएगी। वाहनों की निगरानी त्रक्कस् के माध्यम से की जाएगी और तय की गई दूरी और समय के आधार पर टोल की राशि की गणना की जाएगी। सरकार का मानना है कि यह नई प्रणाली टोल संग्रह को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाएगी, साथ ही यात्रियों के लिए भी यह काफी सुविधाजनक साबित होगी।