लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : नवयुग कन्या महाविद्यालय में आज प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय जी के मार्गदर्शन में मिशन शक्ति समिति द्वारा साइबर जागरूकता अभियान के अंतर्गत एक विशेष व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया।
इस अवसर पर नाका थाना की साइबर टीम—उप निरीक्षक कुलदीप सिंह, महिला उप निरीक्षक शालिनी, उप निरीक्षक प्रभात त्रिपाठी, महिला कांस्टेबल सपना गिरी एवं शालू सरोज—ने छात्राओं को संबोधित किया और साइबर सुरक्षा के महत्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।
टीम ने बताया कि आधुनिक तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर सुरक्षा जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। छात्राओं को साइबर स्वच्छ प्रथाओं का पालन करने और साइबर अपराधों से बचाव हेतु सावधानी बरतने की प्रेरणा दी गई। ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की स्थिति में 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत रिपोर्ट करने तथा शिकायत दर्ज कराने के लिए Cybercrime.gov.in पोर्टल के उपयोग की प्रक्रिया समझाई गई।
साथ ही छात्राओं को कई महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म और टूल्स से अवगत कराया गया, जिनमें—
SANCHAR SAATHI मोबाइल एप (संदिग्ध कॉल या धोखाधड़ी की पहचान हेतु)
StopNCII.org (महिलाओं को निजी तस्वीरों/वीडियो के दुरुपयोग से बचाने हेतु)
UPCOP App (मोबाइल फोन गुम होने पर तुरंत रिपोर्ट दर्ज करने के लिए)
M-KAVACH 2 (मोबाइल का बॉडीगार्ड बनकर व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा हेतु)
Cyber Dost (साइबर सुरक्षा पर जागरूकता और मार्गदर्शन के लिए)
टीम ने छात्राओं को विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों से भी परिचित कराया, जैसे
फर्जी लोन एप, स्क्रीन शेयर एप्लीकेशन या एसएमएस फॉरवर्ड के जरिए धोखाधड़ी, कार्ड स्किमिंग डिवाइस, OLX और अन्य ई-कॉमर्स फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट (ऑडियो/वीडियो कॉल के माध्यम से जालसाजी), फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल द्वारा उत्पीड़न, साइबर बुलींग, स्टॉकिंग, मैट्रिमोनियल स्कैम, डेटिंग एप धोखाधड़ी, गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर ग्रूमिंग, तथा फेस-फेक टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग।
कार्यक्रम में छात्राओं को यह भी बताया गया कि किसी भी संदिग्ध धोखाधड़ी की सूचना तुरंत Dial-1930 अथवा www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करनी चाहिए।
इस अवसर पर मिशन शक्ति समिति की संयोजिका प्रो. नीतू सिंह, समिति सदस्य प्रो. सीमा पांडे, डॉ. विमल बिंद एवं महाविद्यालय की शिक्षिका डॉ. सुनीता सिंह उपस्थित रहीं।
मिशन शक्ति समिति की संयोजिका प्रोफेसर नीतू सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे व्याख्यान छात्राओं को डिजिटल युग में सुरक्षित रहने हेतु आवश्यक ज्ञान और व्यवहारिक कौशल प्रदान करते हैं।
यह साइबर जागरूकता व्याख्यान छात्राओं के लिए अत्यंत उपयोगी और मार्गदर्शक सिद्ध हुआ।


