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बीबीएयू में ‘डॉ. अंबेडकर की सामाजिक न्याय की अवधारणा’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित, युवाओं को UPSC जैसी परीक्षाओं के लिए प्रेरित किया गया

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के डॉ. अम्बेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की ओर से 16 मई को ‘डॉ. अंबेडकर की सामाजिक न्याय की अवधारणा’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की, जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर इग्नू, लखनऊ के रीजनल डायरेक्टर डॉ. जय प्रकाश वर्मा उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व आईएएस अधिकारी बाबूराम और आयोजन के समन्वयक प्रो. शशि कुमार मंचासीन रहे।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और बाबासाहेब के चित्र पर पुष्प अर्पण के साथ हुई। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, शॉल और स्मृति चिन्ह देकर किया गया। प्रारंभ में प्रो. शशि कुमार ने संगोष्ठी के उद्देश्य और आयोजन की रूपरेखा साझा की।कुलपति प्रो. मित्तल ने कहा कि भारत को ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए युवाओं, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने युवाओं से स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता में सक्रिय होने का आह्वान करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय ‘प्रज्ञा, शील और करुणा’ के सिद्धांतों पर आधारित शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि UPSC जैसी परीक्षाएं छात्रों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं, लेकिन इसके लिए निरंतर अभ्यास, गहन अध्ययन और समसामयिक मुद्दों की समझ जरूरी है।मुख्य अतिथि डॉ. जय प्रकाश वर्मा ने डॉ. अंबेडकर की सामाजिक न्याय की अवधारणा को संविधान, अर्थशास्त्र, और स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व के सिद्धांतों से जोड़ा। उन्होंने बाबासाहेब द्वारा लिखित ‘The Problem of the Rupee’ पुस्तक का उल्लेख करते हुए आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण पर विस्तार से चर्चा की।विशिष्ट अतिथि बाबूराम ने कहा कि जीवन में सपनों को साकार करने के लिए संकल्प, मेहनत और धैर्य आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि UPSC जैसी परीक्षाएं कठिन जरूर हैं, लेकिन संगठित प्रयासों और आत्मविश्वास से इन्हें पार किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षित होने, संगठित होने और संघर्ष करने का संदेश दिया।प्रो. शशि कुमार ने बताया कि डॉ. अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा चयनित विद्यार्थियों को UPSC, UPPCS सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी कराई जाती है और उन्हें वजीफा भी प्रदान किया जाता है, जिससे वे बिना आर्थिक बाधा के पढ़ाई कर सकें।कार्यक्रम में पीसीएस 2024 प्रीलिम्स परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले तीन विद्यार्थियों—कविता वर्मा, किरण मौर्य और राजेन्द्र जैसवाल—को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। भाषण प्रतियोगिता में वैभव प्रकाश को प्रथम, संध्या चौधरी को द्वितीय और विनय गौतम को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इन्हें भी मंच से सम्मानित किया गया।समापन पर प्रो. शशि कुमार ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रो. शूरा दारापुरी, प्रो. वी.एम. रवि कुमार, प्रो. विनोद खोबरागड़े, डॉ. प्रणब आनंद, डॉ. प्रीति चौधरी सहित कई शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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