Homeशिक्षाशिक्षा मंत्री के आवास पर सहायक शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

शिक्षा मंत्री के आवास पर सहायक शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

अभ्यर्थी सरकार की लचर पैरवी से नाराज और कुंठाग्रस्त

लाइव सत्यकाम न्यूज, लखनऊ : 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित कोर्ट याची अभ्यर्थियों ने आज लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर धरना प्रदर्शन किया तथा मंत्री के आवाज के सामने नारे लगाए तथा प्रदर्शन के दौरान सरकार से गुहार लगाई कि सरकार आगामी 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में अपना वकील भेजें और मामले का निस्तारण कराए।

क्योंकि पिछले 15 महीने में 23 से अधिक बार सुप्रीम कोर्ट में तारीख लग चुकी है लेकिन किसी भी तारीख पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पक्ष रखने के लिए सरकारी अधिवक्ता आज तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा नहीं भेजा गया और यही कारण है कि आज अभ्यर्थी सरकार की लचर पैरवी से नाराज होकर विभिन्न जनपदों से लखनऊ बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर पहुंचे जहां उन्होंने प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने उनको हिरासत में लेकर इको गार्डन भेज दिया ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी जगबीर सिंह चौधरी तथा राजन जायसवाल का कहना है की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह 3.86% तथा एससी वर्ग को 21% की जगह 162% आरक्षण दिया गया है और इस प्रकार इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन करके आरक्षित वर्ग की 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला किया गया है और यह घोटाला लखनऊ डबल बेंच ने 13 अगस्त 2024 को आदेश देकर सार्वजनिक कर दिया जिसमें उसने कहा कि आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की लिस्ट को मूल चयन सूची के रूप में दोबारा बनाई जाए लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने ना तो लखनऊ डबल बेंच के आदेश को माना और ना ही वर्ष 2020 से कोर्ट में यांची बनकर न्याय की लड़ाई लड़ रहे आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को याची लाभ देकर यह मामला निस्तारित किया जाए इसके लिए कोई कार्य किया ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी शिवशंकर एवं मालू सिंह चौधरी का कहना है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण के मुद्दे पर 7 दिसंबर 2020 को सब्जेक्ट टू पिटीशन हो चुकी है तथा आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक सुप्रीम कोर्ट में यांची बनकर न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं तथा आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण कर दिया जाए अब ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याची लाभ का प्रपोजल पेश करें ताकि याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण आसानी से किया जा सके ।

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