लखनऊ:उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की आज एक आवश्यक बैठक फील्ड हॉस्टल कार्यालय में संपन्न हुई जिसमें बिजली कंपनियों के 17 निर्देशकों के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु मनमाने तरीके से 6 मार्च को होने वाले साक्षात्कार हेतु बुलावा पत्र भेजने पर दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर बोला करारा हमला कहां ऐसे लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है जो पहले रिजेक्ट हो चुके हैं और एक बार गुपचुप तरीके से चयनित होने के बाद निर्देशक बनने वाले थे मामले का खुलासा होने के बाद जब मुख्यमंत्री जी ने हस्तक्षेप किया अंतत उन्हें निदेशक नहीं बनाया गया उन्हें भी साक्षात्कार हेतु बुलाया जा रहा है इसी प्रकार से दलित वर्ग के जो भी अभियंता पूरी तरह अपनी योग्यता निदेशक के पद के लिए योग्यता रखते थे उन्हें मनमाने तरीके से बाहर कर दिया गया। इसी प्रकार से पिछले वर्ग के अभियंताओं के साथ भी अन्याय किया गया है पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा निदेशक पदों की पूरी चयन प्रक्रिया का खुलासा किया जाए और किसको किस आधार पर रिजेक्ट किया गया किसको किस आधार पर सलेक्ट किया गया साक्षात्कार के लिए उनका पूरा ब्यूरो वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाए। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर नेकीराम महासचिव अनिल कुमार अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार संगठन सचिव बिंदा प्रसाद लेसा अध्यक्ष प्रभाकर सिंह मीडिया रमेश कुमार झबू राम दीपक कुमार ने कहा एक तरफ प्रदेश के माननीय ऊर्जा मंत्री जी विधानसभा में कहते हैं कि निजीकरण पर भी आरक्षण सुरक्षित है जबकि वह केंद्र का अधिकार है वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निर्देशकों के पद पर आरक्षण देने की बात तो दूर उन्हें साक्षात्कार के लिए भी नहीं बुला रहा है एक सोची समझी चाल के तहत दलित व पिछड़े वर्ग को उच्च पदों पर न बैठने के लिए पूरा खड्यंत्र किया जा रहा है इस पूरे मामले पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी अनुसूचित जाति जनजाति आयोग व उच्च स्तर पर शिकायत की जाएगी कि किस प्रकार से पावर कारपोरेशन प्रबंधन दलित व पिछड़े वर्ग क्या अभियंताओं के साथ नाइंसाफी कर रहा है
दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर बोला करारा हमला
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