लखनऊ,लाइव सत्यकाम न्यूज :विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों की बैठक लखनऊ में हुई, बैठक में बिजली के निजीकरण के विरोध में आगामी 09 अप्रैल को लखनऊ में प्रान्तव्यापी रैली करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले 24 मार्च को मेरठ में और 27 मार्च को कानपुर में बिजली महापंचायत आयोजित की जायेगी। सोमवार 10 मार्च को शक्तिभवन सहित समस्त जनपदों एवं परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। 11 मार्च से प्रदेश के समस्त जनपदों में विरोध प्रदर्शन के साथ जनप्रतिधिनियों को ज्ञापन दो अभियान प्रारम्भ होगा।
संघर्ष समिति के केन्द्रीय पदाधिकारियों की बैठक में जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, राजेंद्र घिल्डियाल, डी.के. मिश्रा, जवाहरलाल विश्वकर्मा, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, भगवान मिश्र, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह, राम निवास त्यागी, रघुवंश मिश्र, राहुल बाबू कटियार, सूरज सोनी, अजीत उपाध्याय, राम सावल सिंह, अभिमन्यु कुमार, शनाउल्ला, विजय प्रताप सिंह, जय गोविन्द मुख्यतया सम्मिलित हुए।
संघर्ष समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर यह कहा है कि पावर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण को अंजाम देने के लिए इतना उतावला है कि वह अत्यधिक अल्प वेतन पाने वाले संविदा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी करने पर उतारू हो गया है। इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट 1999 और ट्रांसफर स्कीम 2000 का उल्लंघन करते हुए नियमित कर्मचारियों के यहाँ मीटर लगाने के एकतरफा आदेश कर दिये गये हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि मार्च के महीने में बिजली कर्मी अधिकतम राजस्व वसूली के अभियान में लगे हुए हैं किन्तु पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण के साथ संविदा कर्मियों को निकालने और बिजली कर्मियों के यहां मीटर लगाने के नाम पर अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बना रहा है।
संघर्ष समिति ने मांग की है कि संविदा कर्मियों को निकाले जाने के आदेश तत्काल वापस लिये जायें और निकाले गये संविदा कर्मियों को काम पर वापस लिया जाये अन्यथा विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र आन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होगी। संघर्ष समिति ने कहा है कि बिजली कर्मियां को इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट 1999 और ट्रांसफर स्कीम 2000 के तहत रियायती बिजली की सुविधा मिल रही है। निजीकरण के नाम पर यह सुविधा समाप्त करने की एकतरफा कार्यवाही के विरोध में बिजली कर्मी लामबन्द हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि किसी भी बिजली कर्मी के यहाँ मीटर लगाया गया तो सभी कर्मचारी एकजुट होकर उसका पुरजोर विरोध करेंगे।
संघर्ष समिति ने ट्रांजैक्शन कन्सलटेंट नियुक्त करने हेतु टेकनिकल बिड खोले जाने के विरोध में 10 मार्च को शक्तिभवन मुख्यालय सहित पूरे प्रदेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। 10 मार्च को राजधानी लखनऊ स्थित समस्त कार्यालयों के सभी कर्मचारी शक्तिभवन मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 11 मार्च से प्रदेश के समस्त जनपदों एवं परियोजना मुख्यालयों पर भोजनावकाश के दौरान विरोध प्रदर्शन किये जायेगें और मा. जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिये जायेंगे। 09 अप्रैल को लखनऊ रैली के पहले 24 मार्च को मेरठ में और 27 मार्च को कानपुर में बिजली महापंचायत आयोजित की जायेगी। इसमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स के राष्ट्रीय पदाधिकारी सम्मिलित होंगे।
निजीकरण के विरोध में 09 अप्रैल को लखनऊ में विशाल रैली:शैलेन्द्र दुबे
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