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बिजली कर्मियों के आंदोलन में देश के अन्य प्रांतों के बिजली कर्मी और अभियंता सम्मिलित होंगे

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :पूर्वांचल विधुत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों के आंदोलन का ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की आज हुई आपात बैठक में पुरजोर समर्थन किया गया। फेडरेशन की आज ऑनलाइन हुई बैठक में एक प्रस्ताव के जरिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप कर झूठा शपथ पत्र देने वाले, फर्जी दस्तावेज पकड़े जाने के बाद निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए कंसलटेंट का आदेश तत्काल रद्द कराने के निर्देश दें। फेडरेशन की मीटिंग में यह भी निर्णय हुआ की आगामी 2 मई से प्रारंभ हो रहे क्रमिक अनशन के कार्यक्रम में अन्य प्रांतों के बिजली इंजीनियर भी सम्मिलित होंगे।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन की आज हुई ऑनलाइन मीटिंग में 20 प्रांतों के विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष, महामंत्री और अन्य पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। मुख्यतः जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा ,उत्तराखंड, राजस्थान, केरल, आंध्र प्रदेश कर्नाटक, तमिलनाडु ,तेलंगाना, मेघालय, असम, उड़ीसा ,झारखंड महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात ,पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के अभियंता पदाधिकारी सम्मिलित हुए।फेडरेशन ने पूर्वांचल विधुत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं के संघर्ष में फेडरेशन पूरी तरह से सक्रिय सहयोग करेगी। मीटिंग में 02 मई से 09 मई तक लखनऊ में होने वाले क्रमिक अनशन में भाग लेने के लिए अलग-अलग प्रांतों से आने वाले अभियंताओं की सूची को अंतिम रूप दिया गया।
निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दो अभियान के अंतर्गत आज राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव, संसद सदस्य सीमा द्विवेदी,विधायक हसन रूमी, विधायक पंकज पटेल, बस्ती के विधायक महेंद्र नाथ यादव ,पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ,रुदौली के विधायक राजेंद्र प्रसाद चौधरी और कई अन्य विधायकों तथा जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए गए।

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