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उत्तर प्रदेश बना वैश्विक बौद्ध पर्यटन का प्रमुख केंद्र, 2024 में 61 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे बुद्ध स्थलों पर

लाइव सत्यकाम न्यूज :उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में निरंतर प्रगति करते हुए न केवल घरेलू, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। वर्ष 2024 में प्रदेश में कुल 65 करोड़ पर्यटक आए, जिनमें से 61,47,826 श्रद्धालु भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों पर पहुंचे। यह संख्या प्रदेश के बौद्ध स्थलों की लोकप्रियता और धार्मिक महत्व को दर्शाती है।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन बौद्ध स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं में 3,53,461 विदेशी और 57,94,365 भारतीय पर्यटक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से बौद्ध परिपथ (बौद्ध सर्किट), अब वैश्विक धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर एक सशक्त केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है। यह राज्य सरकार द्वारा बौद्ध स्थलों के विकास, संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए किए गए योजनाबद्ध प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम है।आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में सबसे अधिक 24,74,460 श्रद्धालु कौशांबी पहुंचे। इसके बाद कुशीनगर में 22,42,913, सारनाथ में 11,80,157, श्रावस्ती में 1,27,222, कपिलवस्तु में 79,418 और संकिसा (फर्रुखाबाद) में 43,656 श्रद्धालु आए। इन स्थलों पर श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती उपस्थिति यह दर्शाती है कि भगवान बुद्ध से जुड़े ये स्थल धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं।मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि “उत्तर प्रदेश आज घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर है। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी सरकार लगातार प्रयासरत है। चूंकि बौद्ध धर्म की जड़ें उत्तर प्रदेश में ही हैं और तथागत बुद्ध से जुड़े प्रमुख स्थल यहीं स्थित हैं, अतः यह प्रदेश बौद्ध अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है।” उन्होंने यह भी बताया कि बुद्धिस्ट सर्किट इस अभियान में प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है।उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने 2023 से 2025 के बीच बौद्ध पुनरुत्थान अभियान को नई गति देते हुए थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, श्रीलंका, भूटान, जापान, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे बौद्ध बहुल देशों के टूर ऑपरेटरों, भिक्षुओं और मीडिया प्रतिनिधियों के लिए विशेष फैमिलियराइजेशन ट्रिप (फैम ट्रिप) का आयोजन किया। इन यात्राओं का उद्देश्य प्रदेश के बौद्ध स्थलों को उनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वरूप में वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना रहा।वर्ष 2022 की तुलना में बौद्ध स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022 में जहां 48,498 विदेशी और 21,91,594 भारतीय श्रद्धालु आए थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 61 लाख से अधिक तक पहुंच गया। यह न केवल पर्यटन विकास की ओर संकेत करता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि उत्तर प्रदेश अब विश्वभर के बौद्ध अनुयायियों के लिए श्रद्धा, शांति और सांस्कृतिक समृद्धि का केंद्र बन चुका है।

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