Homeराज्यउत्तर प्रदेशउपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग अध्यक्ष से की मुलाकात

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग अध्यक्ष से की मुलाकात

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग अध्यक्ष से की मुलाकात दाखिल किया लोकमहत्व प्रस्ताव कहा उपभोक्ता परिषद की विधिक आपत्तियों को या तो आयोग सरकार को भेजें या तो सरकार द्वारा संदर्भित प्रकरण के साथ उसे सम्मिलित करके लिया जाए निर्णय निजीकरण जनहित में नहीं।

उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण के लिए 16 मई को एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में प्रस्तावित विडिग डॉक्यूमेंट को नियामक आयोग को संदर्भित करते हुए उस पर सरकार द्वारा अभिमत लिए जाने के पहले सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विधुत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर एक लोकमहत्व प्रस्ताव दाखिल करते हुए यह मुद्दा उठाया कि उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल सभी आपत्तियों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संदर्भित प्रस्ताव के साथ सम्मिलित करते हुए निर्णय लिया जाए अथवा विधुत नियामक आयोग विधुत अधिनियम 2003 की धारा 86(2) के तहत उपभोक्ता परिषद के सभी विधिक प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार को संदर्भित करें नीतिगत विषय होने के नाते राज्य सलाहकार समिति की बैठक भी बुलाई जाए। उपभोक्ता परिषद ने अपने लोकमहत्व प्रस्ताव के माध्यम से यह गंभीर मुद्दा उठाया कहा जो ग्रांट थॉर्नटन दोषी है उसके प्रस्ताव पर कोई भी कार्यवाही किया जाना उचित नहीं है।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने यह बड़ा सवाल उठाते हुए कहा एनर्जी ट्रांसपोर्ट की बैठक में जिसमें असंवैधानिक रूप से नियुक्त कंसलटेंट ग्रांट थ्रोनटन द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया और पावर कॉरपोरेशन सहित भारत सरकार तक के प्रतिनिधि उपस्थित थे वहां विधुत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के विपरीत यह प्रस्ताव पास किया गया की पावर कॉरपोरेशन पूरे मामले को विधुत नियामक आयोग को संदर्भित करें इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस उच्च स्तरीय बैठक में किस लेवल के ज्ञान रखने वाले एक्सपर्ट शामिल है जिन्हें यह भी नहीं पता है कि पावर कॉरपोरेशन नहीं बल्कि केवल उत्तर प्रदेश सरकार ही विधुत अधिनियम 2003 की धारा 86 (2) उपधारा 4 में पूरे मामले को नियामक आयोग को संदर्भित कर सकती है। उपभोक्ता परिषद पहले ही उठा चुका था सवाल की ग्रांट थ्रोनटन को केवल हाईवे का अनुभव वन निजीकरण का एबीसीडी नहीं जानता।

उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा एनर्जी टास्कफोर्स में जिस प्रकार से जल्दबाजी में निजीकरण पर अनेकों फैसले किए गए वह सभी आने वाले समय में जांच के दायरे में होंगे विधुत अधिनियम 2003 के प्रावधानों को हर स्तर पर दरकिनार किया गया जब सरकार ने विधुत अधिनियम 2003 की धारा 17 के तहत निजीकरण के मामले में पूर्व अनुमति नहीं ली तो अब उनके संदर्भित प्रकरण को आयोग बहुत ही गंभीरता से जांच पारक करें क्योंकि यह मामला कहीं ना कहीं आने वाले समय में बड़े भ्रष्टाचार को जन्म देगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular