लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :राज्यसभा में उप नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल को देश के लिए “पूरी तरह निराशाजनक” और “राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर आघात पहुंचाने वाला” करार दिया है। उन्होंने कहा कि अर्थनीति, विदेश नीति, सुरक्षा नीति और योजनागत विकास—चारों मोर्चों पर मोदी सरकार बुरी तरह विफल रही है।प्रमोद तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन ग्यारह वर्षों में खुद की कोई भी परियोजना शुरू नहीं की जिसे वह पूरा कर सके हों। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश की संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया और संविधान में फेरबदल की खतरनाक मंशा पाली, जिसे जनता ने विपक्ष को सशक्त जनादेश देकर विफल किया।उन्होंने अर्थव्यवस्था की बदहाली का हवाला देते हुए कहा कि नोटबंदी ने देश की आर्थिक रीढ़ तोड़ी, बेरोजगारी और महंगाई चरम पर पहुंची, और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरकर सौ के करीब पहुंचना अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की साख पर बट्टा लगा गया।जातिगत जनगणना के मुद्दे पर तिवारी ने दावा किया कि विपक्ष के दबाव में सरकार को झुकना पड़ा, फिर भी पारदर्शिता नहीं दिखाई गई। चीन की विस्तारवादी नीति पर प्रधानमंत्री की चुप्पी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार पर मोदी की प्रतिक्रिया न आने को भी उन्होंने देशहित के खिलाफ बताया।मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विफल रही है और केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन के बावजूद शांति बहाल नहीं कर सकी। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के “बड़बोलेपन” और प्रधानमंत्री मोदी की “अवसरविहीन जवाबदेही” पर भी सवाल खड़े किए।तिवारी ने कहा कि विकास, सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन के मानकों पर मोदी सरकार असफल रही है, और अपनी छवि को देश से ऊपर रखने की कोशिश में लगी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आत्ममुग्धता त्यागने और नैतिक साहस दिखाकर सच्चाई का सामना करने की सलाह दी।अंत में तिवारी ने सवाल किया कि 2014 में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें और बेरोजगारी का स्तर क्या था, और 2025 में क्या है—यदि मोदी सरकार सिर्फ इन दो सवालों का सही आंकड़ा देश के सामने रख दे, तो सच्चाई खुद सामने आ जाएगी।
मोदी सरकार के 11 वर्ष को प्रमोद तिवारी ने बताया निराशाजनक, देश से क्षमायाचना की दी सलाह
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