Homeराज्यउत्तर प्रदेशआउटसोर्स कर्मियों के लिए निगम के गठन को कैबिनेट से मंजूरी

आउटसोर्स कर्मियों के लिए निगम के गठन को कैबिनेट से मंजूरी

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश के मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश के 8 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मियों को निगम के माध्यम से सेवा शर्तों का संरक्षण किए जाने एवं न्यूनतम मानदेय 16000 रुपए निर्धारित किए जाने के निर्णय का राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने स्वागत किया है। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी एवं महामंत्री अरुणा शुक्ला ने आउटसोर्स कर्मचारियों के संबंध में उदारता पूर्वक निर्णय लिए जाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का आभार व्यक्त किया है।
जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद 2 वर्षों से आउटसोर्स कर्मियों की समस्याएं मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाकर उनका शोषण समाप्त करने की मांग कर रही है। विगत मंत्रिपरिषद ने आउटसोर्स कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 16000 निर्धारित करने पर मुहर लगा दिया है। हालांकि संयुक्त परिषद ने ₹20000 न्यूनतम मानदेय निर्धारित किए जाने का प्रस्ताव दिया था ।
जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को न्यूनतम 16000 रुपए का मानदेय दिए जाने, जबकि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 18000 रुपए का न्यूनतम मानदेय, द्वितीय श्रेणी के कर्मियों को 21500 तथा लेक्चर, प्रोजेक्ट ऑफिसर जैसे पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से आने वाले कर्मियों के लिए ,जो स्नातक योग्यता रखते हो उन्हें 25000 का मानदेय निर्धारित करने का प्रस्ताव है। आउटसोर्स कर्मियों के नियुक्ति में निगम के माध्यम से आरक्षण नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। तलाकशुदा, परित्यक्त एवं निराश्रित महिलाओं को भी आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि पहली अगस्त से निगम के माध्यम से ही आउटसोर्स कर्मियों की सेवा शर्तो का निष्पादन हो। आउटसोर्स कर्मियों को महीने के 5 तारीख तक वेतन दिए जाने के आदेश का भी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने स्वागत किया है। संयुक्त परिषद ने पूर्व से कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को प्राथमिकता के साथ यथावत कार्यरत रहने की मांग भी किया है। विगत वर्षों में जिन विभागों में आउटसोर्स कर्मियों को सेवा से अलग किया गया है उनको भी प्राथमिकता के साथ सेवा में लिए जाने के लिए संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है

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