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जन संघर्ष मोर्चा द्वारा हिरोशिमा दिवस के अवसर पर भिलाई परिवार चौक में नुक्कड़ सभा आयोजित

लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ एवं अन्य साथी जन संगठनों द्वारा हिरोशिमा दिवस के अवसर पर भिलाई सिविक सेंटर परिवार चौक में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया।

विदित हो कि 1945 को अगस्त माह में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति पर दुनिया के साम्राज्यवादी ताकतों का सरगना अमरीका ने आत्मसमर्पण के लिए तैयार जापान के हिरोशिमा नगर पर परमाणु बम गिरा कर भीषण तबाही मचाई थी।इस अवसर पर वक्ताओं ने नाभिकीय /विनाशकारी हथियारों ,जंग और परमाणु ऊर्जा के खिलाफ रोजी रोटी ,लोकतंत्र और अमन की जरूरत पर बात की।साथ ही मौजूदा छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यकों ,आदिवासियों ,दलितों /उत्पीड़ितों और महिलाओं के खिलाफ व्याप्त बहुसंख्यकवादी नफ़रत और विभाजन के जहर को मिटाने की बात भी की गई ।यही नहीं, इस अवसर पर देश की गंगा जमुनी तहज़ीब और सांझी शहादत साझी विरासत की परंपरा को ऊंचा उठाने की बात भी की गई ।
नुक्कड़ सभा का संचालन भाकपा माले रेड स्टार के राज्य सचिव कॉमरेड सौरा ने किया।अध्यक्षता जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ संयोजक कॉमरेड प्रसाद राव ने किया।प्रमुख वक्ताओं में क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच और जाति उन्मूलन आंदोलन के संयोजक कॉमरेड तुहिन,पीयूसीएल के राज्य सचिव कॉमरेड कलादास,जन संघर्ष मोर्चा के संयोजक मंडल सदस्य एडवोकेट शाकिर कुरैशी,ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम की छत्तीसगढ़ संयोजक सविता बौद्ध,आम आदमी पार्टी भिलाई संयोजक के ज्योति,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य कॉमरेड विनोद सोनी,कॉमरेड सुरेन्द्र महंती,अखिल भारतीय क्रांतिकारी विद्यार्थी संगठन के पुरुषोत्तम,आप से अखिलेश गायकवाड़,छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति से नीरा डहरिया व महेश,TUCI से कॉमरेड आर एन यादव ,पास्टर चोआराम,रुस्तम मलिक और ERID के बिशप पॉल सोमनाथन ने अपनी बात रखी।सभा में लोकतंत्र,धर्मनिरपेक्षता और भारत की बहुलतावादी गंगा जमुनी तहज़ीब पर आधारित जन गीत प्रस्तुत किए गए।
नुक्कड़ सभा के बाद राज्य में संघी मनुवादी ब्राम्हणवादी फासीवादी ताकतों द्वारा अल्पसंख्यकों खासकर ईसाई और मुसलमान समुदाय सहित दलितों उत्पीड़ितों महिलाओं और आदिवासियों पर बढ़ते बहुसंख्यकवादी विभाजनकारी नफ़रती मुहिम पर रोक लगाने, धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत के संविधान के अनुसार धर्माचरण करने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने ,भगवा असामाजिक गिरोह बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने,मस्जिदों और चर्चों पर जबरन बुलडोजर चलाने के खिलाफ तथा प्रशासन को हिंसक नफरती भीड़तंत्र और क्रूर मनुस्मृति के अनुयाई न बन केवल भारत के संविधान के अनुसार शासन चलाने की मांगों पर आधारित ज्ञापन, जो छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल के नाम था को प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा गया।

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