लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ : नवयुग कन्या महाविद्यालय में प्राचीन भारतीय इतिहास के प्राची क्लब द्वारा लोक कला संग्रहालय लखनऊ, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय मृण्मूर्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला छात्राओं को कला की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई।
कार्यशाला के समापन दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि आफताब हुसैन , अधीक्षण पुरातत्ववेत्ता, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग लखनऊ क्षेत्र , विशिष्ट अतिथि डा विनय कुमार सिंह , निदेशक, राज्य संग्रहालय लखनऊ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय एवं कार्यशाला समन्वयक प्रो संगीता शुक्ला, अध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग एवं कृष्ण ओम सिंह, संग्रहालयाध्यक्ष तथा अनुपमा सिंह तथा छाया , वीथिका सहायक, लोक कला संग्रहालय लखनऊ समेत पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अन्य प्रतिष्ठित पुरातत्व- विद समेत महाविद्यालय के विभिन्न सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ।
सभी अतिथियों का स्वागत पौध, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया।
इस अवसर पर मृण्मूर्ति कार्यशाला प्रशिक्षक श्री संजय प्रजापति, श्रीमती ज्योति प्रजापति एवं श्री ऐश्वर्य प्रजापति को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और पौधों भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यशाला के प्रतिभागियों को अतिथियों ने प्रमाण पत्र प्रदान किए।
कार्यशाला प्रशिक्षक संजय प्रजापति ने कहा कि वर्ष में कम से कम चार पर्व पर आप सभी छात्राएं मृण्मूर्ति बनाएं जिससे आप क्रमशः परिपक्वता ग्रहण करेंगी।
कृष्ण ओम ने सभी छात्राओं को शुभकामनाएं दी और कहा कि ऐसी कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिए।
मुख्य अतिथि आफताब हुसैन ने मूर्ति और प्रतिमा में अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि मूर्ति मनुष्य की बनती है लेकिन प्रतिमा शास्त्रानुसार मापदण्ड पर देवता की बनाई जाती है। उन्होंने प्राचीन काल के बर्तनों के प्रकार और उनके कालक्रम को पहचानने के तरीकों की चर्चा की।
विशिष्ट अतिथि डॉ विनय कुमार सिंह ने कहा कि कला सत्यम शिवम सुंदरम की भावना है जब हम कुछ नया गढ़ते हैं तो हमारी आत्मा और शरीर दोनों को एक अद्भुत आनंद प्राप्त होता है।
प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय ने कहा कि जब वर्तमान समय में हम स्वदेशी की बात करते हैं तो इस प्रकार की मृण्मूर्ति कार्यशालाएं हमारे लिए संभावनाओं के नये द्वार खोलती है उन्होंने सभी छात्राओं से कहा कि आप निरंतर अभ्यास करें और उत्कृष्ट प्रदर्शन करें।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए प्रो संगीता शुक्ला ने सप्त दिवसीय कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर छात्राओं ने गणेश वंदना तथा लोकनृत्य प्रस्तुत किया । प्रियांशी, नेहा और पूजा शर्मा ने छात्राओं की ओर से तथा प्रोफेसर सीमा सरकार तथा नेहा पांडेय ने शिक्षकों की तरफ से कार्यशाला की समीक्षा प्रस्तुत की।
इस अवसर पर कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाली सभी छात्राओं ने अपने द्वारा बनाई हुई मृण्मय कलाकृतियों की एक प्रदर्शनी भी लगाई। जिसका सभी ने अवलोकन कर सराहना की । प्रोफेसर आभा पाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन डा अपूर्वा ने किया।कार्यक्रम की सम्पूर्ति वंदे मातरम् गीत गायन से हुई।


