Homeराज्यउत्तर प्रदेशटेंडर प्रकाशित होते ही बिजली कर्मी प्रारम्भ करेंगे सामूहिक जेल भरो आंदोलन

टेंडर प्रकाशित होते ही बिजली कर्मी प्रारम्भ करेंगे सामूहिक जेल भरो आंदोलन

लाइव सत्यकाम न्यूज, लखनऊ : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा है कि बिहार चुनाव संपन्न हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का टेंडर निकालने की जल्दी में है। इस बीच संघर्ष समिति ने घाटे के गलत आंकड़े देकर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के तैयार किए गए आर एफ पी डॉक्यूमेंट को मंजूरी न देने की मुख्य सचिव से अपील की है।
संघर्ष समिति ने कहा है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने निजीकरण के नाम पर ऊर्जा निगमों में पिछले एक साल से कार्य का वातावरण बिगाड़ रखा है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि निजीकरण का टेंडर निकला तो प्रदेश के समस्त ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी ,जूनियर इंजीनियर और अभियंता इसके विरोध में सामूहिक जेल भरो आंदोलन प्रारंभ कर देंगे जिसका सारा उत्तरदायित्व पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन का होगा।
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल ने मुम्बई में हुई डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट के दौरान कुछ बड़े पत्रकारों से यह कहा है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का आर एफ पी डॉक्यूमेंट पूरी तरह तैयार है और बिहार चुनाव के बाद इन निगमों के निजीकरण हेतु टेंडर प्रकाशित कर दिया जायेगा। बिहार के चुनाव संपन्न हो गए हैं अतः जानकारी मिली है कि अब पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन टेंडर प्रकाशित करने की जल्दी में है।
संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन घाटे के नाम पर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया चला रहा है। जबकि सच यह है कि सरकारी विभागों का बकाया और सब्सिडी की धनराशि जोड़ने के बाद पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम घाटे में नहीं है। संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री एस पी गोयल से अपील की है कि घाटे के गलत आंकड़ों के आधार पर पर पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा तैयार किए गए आर एफ पी डॉक्यूमेंट को वह मंजूरी न दें।
आंकड़े देते हुए संघर्ष समिति ने कहा कि वर्ष 2024 – 25 में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने 13297 करोड रुपए की राजस्व वसूली की, 5321 करोड रुपए की टैरिफ की सब्सिडी है, 376 करोड रुपए की निजी नलकूप की सब्सिडी है और 630 करोड रुपए की बुनकरों की सब्सिडी है। इस प्रकार कुल राजस्व 19624 करोड रुपए का हुआ। पूर्वांचल में राज्य सरकार के सरकारी विभागों पर बकाया 4182 करोड़ रुपए है। इस धनराशि को जोड़ने के बाद कुल राजस्व 23806 करोड रुपए हो जाती। विद्युत नियामक आयोग को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने बताया है कि उसका कुल खर्च 20564 करोड रुपए का हुआ है। इस प्रकार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 3242 करोड रुपए के मुनाफे में है।
इसी प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में कुल राजस्व 11546 करोड रुपए का मिला है। टैरिफ सब्सिडी 4692 करोड़ की, निजी नलकूप की सब्सिडी 991 करोड रुपए, बुनकरों की सब्सिडी 23 करोड रुपए है।इन सबको मिला दिया जाए तो कुल राजस्व 17252 करोड रुपए का होता है। सरकारी विभागों का 4543 करोड रुपए का बकाया जोड़ने के बाद कुल राजस्व आय 21795 करोड़ रुपए हो जाती है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने विद्युत नियामक आयोग को बताया है कि वर्ष 2024 – 25 में उसका कुल खर्चा 19639 करोड रुपए का हुआ है। इस प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का मुनाफा 2156 करोड़ रु का है।
संघर्ष समिति के आह्वान पर निजीकरण के विरोध में लगातार चल रहे आंदोलन के 355 वें दिन आज बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में समस्त जनपदों में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
आज मुख्यतया वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में बड़े प्रदर्शन किए गए।

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