लाइव सत्यकाम न्यूज, लखनऊ : बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर देश भर के 27 लाख बिजली कर्मचारी, उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में चल रहे संघर्ष के एक साल पूरा होने पर आगामी 27 नवंबर को सारे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन कर उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के साथ अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे और निजीकरण का निर्णय वापस लेने की मांग करेंगे ।
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया,इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर मेन्स फेडरेशन मुख्यतया सम्मिलित हैं।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति का यह दृढ़ संकल्प है कि जब तक निजीकरण का निर्णय निरस्त नहीं किया जाता और आंदोलन के चलते की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस नहीं ली जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में पिछले एक साल से चल रहे संघर्ष को राष्ट्रव्यापी समर्थन मिल रहा है और कई बार देशभर के बिजली कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के समर्थन में प्रदर्शन भी किया है और हड़ताल भी की है।
संघर्ष समिति ने कहा कि देशव्यापी समर्थन से उत्साहित उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता नई ऊर्जा के साथ 27 नवंबर से निजीकरण के विरोध में अपना आंदोलन और तेज करेंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 27 नवंबर को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय आगरा में किसानों और उपभोक्ताओं को साथ लेकर बड़े विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि गत वर्ष 25 नवंबर को पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का एक तरफा फैसला घोषित कर दिया था। इसके बाद संघर्ष समिति की 27 नवंबर को मीटिंग हुई और तब से लगातार यह आंदोलन चल रहा है।
संघर्ष समिति ने बताया कि लगभग एक वर्ष से चल रहे इस आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आंदोलन किसानों और उपभोक्ताओं को साथ लेकर चलाया जा रहा है। बिजली कर्मी पिछले एक साल से प्रति दिन सड़क पर उतरकर संघर्ष भी कर रहे हैं और उपभोक्ताओं की समस्या भी अटेंड कर रहे है।
किसानों और उपभोक्ताओं को साथ लेकर उत्तर प्रदेश में निजीकरण के विरोध में चल रहा बिजली कर्मचारियों का यह संघर्ष देश में एक अनूठा प्रयोग है।
पिछले एक वर्ष में बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन तो किया ही। भीषण गर्मी के दौरान बिजली कर्मियों ने 11 जून को 31486 मेगावाट आपूर्ति कर देश में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति का रिकॉर्ड भी स्थापित किया।
संघर्ष समिति ने कहा कि पिछले एक वर्ष में पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने बिजली कर्मचारियों का आंदोलन के कारण लगातार उत्पीड़न किया है और दमन की कार्यवाही की लेकिन इन सब से विचलित न होते हुए बिजली कर्मी शांतिपूर्वक अपना आंदोलन चला रहे हैं।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार चल रहे आंदोलन के 359वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में समस्त जनपदों में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।



