Homeराज्यउत्तर प्रदेशगीता जीवन का विज्ञान भी है और मृत्यु का भी समाधान

गीता जीवन का विज्ञान भी है और मृत्यु का भी समाधान

जनेश्वर मिश्र पार्क में चल रहे दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में आये सरसंघचालक

लाइव सत्यकाम न्यूज, लखनऊ : जनेश्वर मिश्र पार्क में चल रहे दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में सरसंघचालक मोहन भागवत ने प्रखर शब्दों में कहा कि दुनिया आज जिस तरह से डगमगा रही है, जिस प्रकार मूल्य, नीति और मानवता लड़खड़ा रही है—वैसा ही दृश्य महाभारत के युद्धभूमि में अर्जुन के सामने था। अर्जुन भी भ्रम, शोक और मोह से विह्वल होकर युद्ध छोड़ने की स्थिति में पहुँच गया था, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के गीता–ज्ञान ने अर्जुन के भीतर धर्म, साहस और कर्तव्य की प्रचंड ज्योति प्रज्वलित कर दी।

भागवत ने कहा कि जीवन के अत्यंत विपत्ति-क्षणों में भी गीता वह दिव्य शास्त्र है, जो मनुष्य को अंधकार से बाहर खींचकर दृढ़ता, समाधान और निर्भयता प्रदान करती है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि —
“गीता केवल पढ़ने की वस्तु नहीं, बल्कि जीने की प्रक्रिया है;
जो गीता को अपनाएगा, वही संकट से उबरेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि आज जब पूरी दुनिया अव्यवस्था, संघर्ष और नैतिक भ्रम से गुजर रही है, ऐसे समय में गीता ही वह शाश्वत मार्गदर्शक है जो मानवता को संतुलन और धर्म के पथ पर पुनः स्थापित कर सकती है।

भागवत ने अंत में कहा कि गीता जीवन का विज्ञान भी है और मृत्यु का भी समाधान, इसलिए मनुष्य चाहे जिए या मरे—गीता ही उसके अस्तित्व का आधार होनी चाहिए।

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