लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :संयुक्त संघर्ष समिति के शैलेन्द्र दुबे ने बताया कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा पॉवर कारपोरेशन से सभी विधुत वितरण निगमों का पांच साल का डाटा मांगने से बिजली कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा है। शुक्रवार को विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सीमा पर युद्ध की स्थिति को देखते हुए आगामी 14 मई तक कोई आन्दोलन न करने का कल ऐलान किया था और उम्मीद जताई थी कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन भी युद्ध की स्थिति को देखते हुए टकराव टालने हेतु निजीकरण की प्रक्रिया रद्द करेगा। किन्तु कंसल्टेंट द्वारा सभी वितरण निगमों का डाटा मांगने से स्पष्ट हो गया है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन सभी विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण करने जा रहा है। सभी वितरण निगमों का डाटा मांगने का दस्तावेज सामने आने से बिजली कर्मियों में आक्रोश बढ़ गया है।
संघर्ष समिति ने बताया कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के एसोसिएट डायरेक्टर चन्दन चटर्जी ने मुख्य अभियन्ता रेवेन्यू अफेयर्स यूनिट को ई मेल भेजकर कहा है कि वित्तीय वर्ष 2024 – 25 के 31 मार्च तक विगत पांच वर्षों का डाटा उपलब्ध कराए।
संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन ने ग्रांट थॉर्टन को पूर्वांचल विधुत वितरण निगम और दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम के निजीकरण हेतु आर एफ पी डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए अवैध ढंग से ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त किया है। किन्तु नियुक्त किए गए कंसलटेंट द्वारा केवल पूर्वांचल विधुत वितरण निगम और दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम का डाटा मांगने के बजाय सभी विधुत वितरण निगमों का डाटा मांगा गया है इससे स्पष्ट हो जाता है कि पॉवर कारपोरेशन का निर्णय सभी विधुत वितरण निगमों का निजीकरण करने का है। इस बात के उजागर होने से बिजली कर्मियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।
कंसल्टेंट द्वारा सभी वितरण निगमों का डाटा मांगने से निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों में गुस्सा बढ़ा
RELATED ARTICLES