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निजीकरण के विरोध में प्रांत व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी: प्रयागराज में हुआ बुद्धि शुद्धि यज्ञ

लाइव सत्यकाम न्यूज,प्रयागराज :विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने कहा है कि ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा यह स्पष्ट करें कि पूर्वांचल विधुत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विधुत निगम के निजीकरण के बाद सरकार निजी घरानों को सब्सिडी की धनराशि देगी या नहीं। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देने के मामले में पॉवर कॉरपोरेशन के पैनल पर काम कर रहे अधिवक्ताओं से राय लेकर निदेशक वित्त ने फाइल पर क्लिन चिट दे दी है। निजीकरण के विरोध में आज 187 वें दिन प्रांत व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। आज प्रयागराज में बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया गया।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से पूछा है कि वह बताएं कि पूर्वांचल विधुत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले 42 जनपदों का निजीकरण हो जाने के बाद निजी कंपनी को उत्तर प्रदेश सरकार सब्सिडी की धनराशि देगी या नहीं देगी। संघर्ष समिति ने कहा कि विगत वर्ष किसानों, बीपीएल उपभोक्ताओं, बुनकरों आदि की सब्सिडी की धनराशि 22000 करोड रुपए से ऊपर की है। यह धनराशि सरकार ने सब्सिडी के रूप में दी है। ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन घाटे के नाम पर निजीकरण करने की दलील देते समय इस धनराशि को जोड़कर घाटा बता रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 01 अप्रैल 2024 से किसानों को ट्यूब वेल के लिए मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किए गए संकल्प पत्र में यह लिखा था कि बीपीएल उपभोक्ताओं को 03 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाएगी। इसी प्रकार बुनकरों आदि को भी लागत से कम मूल्य पर बिजली दी जाती है जो सरकार की और पार्टी की घोषित नीति के अनुसार है। अब जब निजीकरण की दलील देते समय यह कहा जा रहा है कि सरकार यह बोझ नहीं उठा सकती तो ऊर्जा मंत्री को आम जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि बिजली का निजीकरण हो जाने के बाद सरकार यह सब्सिडी की धनराशि का भार उठाएगी या नहीं जिससे निजीकरण को लेकर आम जनता धोखे में न रहे ।

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