लाइव सत्यकाम न्यूज,लखनऊ :मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की बिजली दर बढ़ोतरी की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद ने बोला करारा हमला कहा देश में कोई ऐसा कानून नहीं जो प्रदेश में बिजली दलों में बढ़ोतरी की इजाजत दे उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ सर प्लस ऐसे में 45% दरों में हो कमी ना की 45% की हो बढ़ोतरी।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की बिजली दर बढ़ोतरी पर आज सुनवाई विद्युत नियामक आयोग सभागार में आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद कुमार की अध्यक्षता में और आयोग के सदस्य श्री संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुई जिसमें सर्वप्रथम मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशका रिया केजरीवाल द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया इसके बाद सुनवाई विधिवत रूप से शुरू हुई पूर्वांचल पक्षमांचल केस्को आगरा ग्रेटर नोएडा के बाद यह बिजली दर की अंतिम सुनवाई थी जिसमें सभी उपभोक्ताओं ने बिजली दर बढ़ोतरी का विरोध किया। बिजली दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन के रेगुलेटरी अफेयर्स यूनिट के मुख्य अभियंता डीसी वर्मा द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया इसके बाद उपभोक्ताओं ने अपनी बात रखनी शुरू की।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से अपनी बात रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा देश में कोई भी कानून ऐसा नहीं है जो सर प्लस होते हुए बिजली दरों में बढ़ोतरी की इजाजत दे उत्तर प्रदेश में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करो सरप्लस निकल रहा है ऐसे में या तो आयोग एक साथ 45% बिजली दरों में कमी करें या तो अगले 5 वर्षों तक 9% बिजली दरों में कमी करके हिसाब बराबर करें पावर कारपोरेशन का बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव आसंवैधानिक है और टैरिफ पॉलिसी के खिलाफ है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के सामने निजीकरण के प्रस्ताव को भी खारिज करने की मांग उठाई और पुरजोर तरीके से अपनी बात रखते हुए कहा जो नौकरशाह सोच रहे हैं कि वह असंवैधानिक रूप से निजीकरण का प्रस्ताव आगे बढ़कर बच जाएंगे और देश के निजीघरानो का बड़ा लाभ हो जाएगा वह बचाने वाले नहीं है उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में खुलासा होने पर जेल तक जानी पड़ सकती है अभी सीएजी ऑडिट आई है आने वाले समय में सीबीआई आएगी और वह दिन दूर नहीं जब भ्रष्टाचार में दोषी पाए जाने वाले लोग सलाखों के पीछे होंगे पूरा निजीकरण का प्रस्ताव असंवैधानिक है इस विद्युत नियामक आयोग खारिज करें। विद्युत नियामक आयोग द्वारा निकाली गई संवैधानिक और वित्तीय कर्मियों का जवाब आज तक आयोग में दाखिल नहीं हुआ और बार-बार संवैधानिक रूप से नियुक्त कंसलटेंट आयोग के पास आता है या पूरा मसौदा ही भ्रष्टाचार की नींव पर तैयार है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा स्मार्ट मीटर नहीं यह ठग मीटर है क्योंकि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में स्मार्ट मीटर में आनेको उपभोक्ताओं की रीडिंग व भार जंप किए थे उसके आधार पर मध्यांचल कंपनी ने गुपचुप तरीके से सॉफ्टवेयर में बदलाव कराया इसके पहले भी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड का स्मार्ट मीटर का प्रयोग पूरी तरह फेल साबित हुआ आज भी 2जी स्मार्ट मीटर का खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है इसलिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की क्वालिटी को उच्च स्तर का बनाया जाए अन्यथा यह प्रोजेक्ट भी फेल हो जाएगा और यह ठग मीटार साबित हो जाएगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर बड़े पैमाने पर चीनी कंपोनेंट है आने वाले समय में या उपभोक्ताओं के लिए समस्या उत्पन्न करेंगे भारत सरकार के आदेश के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर 2 प्रतिशत की छूट को 5% तक बढ़ाया जाए और जो पांच प्रतिशत चेक मीटर लगे हैं उसका मिलान करके मध्यांचल कंपनी उसका आंकड़ा जारी करें की मीटर तेज चल रहे हैं अथवा सही।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लगभग 33575 मिलियन यूनिट बिजली की खरीद करेगा और यदि 8% वितरण हानियों को अलग कर दिया जाए तो लगभग 6% वितरण हानियां बिजली चोरी में जा रही है यानी कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में लगभग 1280 करोड़ की चोरी प्रत्येक वर्ष होती है और पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 5000 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में हर माह 106 करोड़ की चोरी हो रही है जो अपने आप में चिंता का विषय है उपभोक्ता परिषद को वह दिन याद है जब बटलर पैलेस बिजली चोरी कांड हुआ था जिसमें बड़े पैमाने पर नौकरशाह बिजली चोरी कर रहे थे तो यह कहना उचित होगा किसान नौजवान आम उपभोक्ता नौकरशाह नेता सभी बिजली चोरी करने में चूकते नहीं जो गंभीर समस्या है इस पर सभी को सोचना होगा।
उपभोक्ता परिषद में आगे अपनी बात रखते हुए कहा मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में पावर ट्रांसफार्मर बड़े पैमाने पर जलते हैं 10 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर की बात करें तो 2022-23 में जहां थे 26 ट्रांसफार्मर जले थे वहीं वर्ष 2023 -24 में 33 ट्रांसफार्मर जले वितरण ट्रांसफार्मर प्रत्येक वर्ष लगभग 66507 से लेकर 70044 ट्रांसफार्मर जल रहे हैं इस पर विशेष जांच होनी चाहिए कि कहीं घटिया क्वालिटी के ट्रांसफार्मर तो नहीं लग रहे हैं इसी प्रकार मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में बड़े पैमाने पर एलटी कंप्लेंट जो विद्युत आपूर्ति से संबंधित है उसमें इजाफा हो रहा है 2022-23 में जहां 8 लाख 62785 कंप्लेंट सामने आई वहीं वर्ष 2024-25 में लगभग 10 लाख 59855 शिकायतें दर्ज की गई सबसे चिंता की बात यह है कि शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं होता और प्रदेश के उपभोक्ताओं को कोई मुआवजा भी नहीं मिलता जो चिंता का विषय है इसलिए मुआवजा कानून को लागू करने के लिए ईमानदारी से ओटीपी व्यवस्था लागू की जाए।
उपभोक्ता परिषद ने बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओं का उत्प्रेरण किए जाने का मुद्दा भी उठाते हुए कहा इस पर विद्युत नियामक आयोग को कुछ कठोर उपाय करने होंगे जिससे बिल्डर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न ना कर पाए।
उपभोक्ता परिषद ने कहा पूरे प्रदेश में लगभग 10 से 15 लाख ऐसे मकान है जिसमें छोटे से कमरे में लोग रहते भी हैं और उसमें छोटी-मोटी जीवका चलाने के लिए दुकान चला लेते हैं ऐसे में 1 किलो वाट 100 यूनिट तक उन्हें घरेलू विद्या में ही दुकान की अनुमति दी जाए जिससे उन्हें बिजनेस बैंक द्वारा परेशान ना किया जाए या बहुत लंबे समय से मांग चली आ रही है इस पर विद्युत नियामक आयत इस बार विचार करके एक नया टैरिफ कैटेगरी बनाए।